कितना ही मुश्किल होता होगा अपनी बेटी को किसी और के घर विदा करना। कितना ही मुश्किल होता होगा अपनी बेटी को किसी और के घर विदा करना।
स्वाद लेकर भेद समझकर महसूस कर सकते हैं । स्वाद लेकर भेद समझकर महसूस कर सकते हैं ।
मोड़ लेती हूँ लफ़्ज़ों के जाल को मत प्रवाह बदल जाते हैं क्षण में मोड़ लेती हूँ लफ़्ज़ों के जाल को मत प्रवाह बदल जाते हैं क्षण में
गुरुमाता अरुन्धती प्रदान किए सामवेद सरस संगीतस्वरों का प्रशिक्षण, कर्मठ कर्त्तव्यनिष्ठ कोदंडपाणि पा... गुरुमाता अरुन्धती प्रदान किए सामवेद सरस संगीतस्वरों का प्रशिक्षण, कर्मठ कर्त्तव...
त्रेता युग में,सती जी, शिवजी अगस्त्य मुनि के पास गए थे त्रेता युग में,सती जी, शिवजी अगस्त्य मुनि के पास गए थे
देखा है मैंने ऋषि को मंत्र जपते देखा है, यकीन मानिए मैंने ईश्वर को धरती पे देखा है.... देखा है मैंने ऋषि को मंत्र जपते देखा है, यकीन मानिए मैंने ईश्वर को धरती पे दे...